Shodashi Secrets

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Tripura Sundari's form is not only a visual illustration but a map to spiritual enlightenment, guiding devotees via symbols to grasp further cosmic truths.

कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं

चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा

The underground cavern provides a dome superior earlier mentioned, and barely seen. Voices echo wonderfully off The traditional stone in the walls. Devi sits in the pool of holy spring water which has a canopy excessive. A pujari guides devotees by the whole process of paying out homage and getting darshan at this most sacred of tantric peethams.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥

The Saptamatrika worship is especially emphasized for those looking for powers of Regulate and rule, as well as for the people aspiring to spiritual liberation.

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति read more प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

Celebrated with fervor through Lalita Jayanti, her devotees find her blessings for prosperity, knowledge, and liberation, locating solace in her numerous sorts plus the profound rituals associated with her worship.

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥

संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।

सा देवी कर्मबन्धं मम भवकरणं नाश्यत्वादिशक्तिः ॥३॥

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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